बाप और बेटे का रिश्ता - पिता परमेश्वर
(पिताजी की डायरी से )
अग्निहोत्री से नौ ग्रहों की
उत्पत्ति हुई, एस प्रकार सभी उसके बेटे हुए. स्वयं वह हिरान्यगर्भा
बना तो पंचमुखी हनुमान , ७ महात्मा, माया, भक्ति,एकबालक, वामांगी परमात्मा
,ब्रह्मा ,विष्णु , महेश तथा अन्य सभी आत्माओं की उत्पत्ति किया .एस
प्रकार हिरान्यगर्भा के सभी बेटे हुए.हिरान्यगर्भा स्वयं विष्णु बना. (पिताजी की डायरी से )
पृथ्वी पर वामांगी परमात्मा आया बाबा आदम के रूप में और दो लड़कों की उत्पत्ति की-एक सज्जन और दूसरा दुर्जन . उन दोनों ने संसार बसाया इस प्रकार बाबा आदम के ही सभी हैं .वही हर आदमी का पिता परमेश्वर है.वही बाबा आदम राजा नहुष ,राजा मोरंग्ध्वाज ,हरिश्चंद्र ,वामदेव महादेव,प्रेत ,राजकुंवर अमरसिंह,शंखपति,महंथ विश्वनाथ और कलंकी के रूप में आया तथा पुनः कलंकी अवतार के बाद फिर वही अग्निहोत्री बनेगा और विष्णु वामांगी परमात्मा बनेगा .
इस प्रकार सबका पिता कौन ?
यह तो आत्मा की बात थी परन्तु परमात्मा ने ही यह सब कुछ रचाया.आत्मा के साथ भी रहा अलग भी रहा अपने अंशों में भी रहा . आत्मा भी पूर्ण होती है,परमात्मा भी पूर्ण होता है . आत्मा भी अंशों में रहती है ,परमात्मा भी अंशों में रहता है.
No comments:
Post a Comment